गैरों को तो क्या अपनों को भी रुला ना सके, भटके इस तरह घर जा ना सके। गैरों को तो क्या अपनों को भी रुला ना सके, भटके इस तरह घर जा ना सके।
इंसान के जीवन में रिश्ते लाते हैं प्यार के रंग हजार, बचपन बीता मां के आंचल में मिल जाए स इंसान के जीवन में रिश्ते लाते हैं प्यार के रंग हजार, बचपन बीता मां के आंचल...
देख पड़ोसी की उन्नति हम सब जाने क्यों घबराते हैं; धीरे-धीरे ही सही अंदर से ही अक्सर कुढ़ते जाते हैं। देख पड़ोसी की उन्नति हम सब जाने क्यों घबराते हैं; धीरे-धीरे ही सही अंदर से ही अक...
हम भी शांत नहीं बैठेंगे। उन मासूमों की मौत का बदला अवश्य लेंगे, परंतु आतंक का मार्ग कभी नहीं चुनें... हम भी शांत नहीं बैठेंगे। उन मासूमों की मौत का बदला अवश्य लेंगे, परंतु आतंक का ...
खल्लास हुआ सब्र हमारा अब तो यूँ ही घर में घुसकर मारेंगे। खल्लास हुआ सब्र हमारा अब तो यूँ ही घर में घुसकर मारेंगे।
अधरों से उठती रागिनी सुनना हर दास्ताँ में तुम ही तुम बसते हो। अधरों से उठती रागिनी सुनना हर दास्ताँ में तुम ही तुम बसते हो।